ये बारिशें भी तुम सी हैं
कभी कभी तो मूसलाधार
कभी कभी गुमसुम सी हैं
ये बारिशें भी तुम सी हैं
जो खुश हुई तो रिमझिम सी फुहार
जो रूठ गई तो बरसती बेशुमार
कभी कभी बे मौसम सी हैं
ये बारिशें भी तुम सी हैं
कभी धूप में कभी छाओं में
कभी शहर में कभी गाँव में
कभी इंद्रधनुष के बगैर ही
कभी इंद्रधनुष की पनाहो में
ये मीठी मीठी धुन सी हैं
ये बारिशें भी तुम सी हैं
कभी कभी तो मूसलाधार
कभी कभी गुमसुम सी हैं
ये बारिशें भी तुम सी हैं
जो खुश हुई तो रिमझिम सी फुहार
जो रूठ गई तो बरसती बेशुमार
कभी कभी बे मौसम सी हैं
ये बारिशें भी तुम सी हैं
कभी धूप में कभी छाओं में
कभी शहर में कभी गाँव में
कभी इंद्रधनुष के बगैर ही
कभी इंद्रधनुष की पनाहो में
ये मीठी मीठी धुन सी हैं
ये बारिशें भी तुम सी हैं