"मचान" ख्वाबो और खयालों का ठौर ठिकाना..................© सर्वाधिकार सुरक्षित 2010-2013....कुमार संतोष

गुरुवार, 20 अक्टूबर 2011

दिल में अभी दर्द का तूफ़ान बाकी है

दिल  में  अभी  दर्द  का  तूफ़ान  बाकी  है
इस  इश्क का होना अभी अंजाम बाकी है

आँधियों  में  बह  गऐ  हैं  तिनके - तिनके
खुद के बिखरने का बस अरमान बाकी  है

जिस  घर  को  सजाया  था हांथो  से  अपने
उस घर  का  बिखरा  हुआ सामान बाकी है

माना की ज़ख्म भर  गया  जो तूने दिया था
लेकिन अभी उस ज़ख्म का निशान बाकी है

दुनियाँ  मे  हर  शय  से  पाया है सिर्फ धोका
अब आज़माने को बस ऐक भगवान बाकी है
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