दिल में अभी दर्द का तूफ़ान बाकी है
इस इश्क का होना अभी अंजाम बाकी है
आँधियों में बह गऐ हैं तिनके - तिनके
खुद के बिखरने का बस अरमान बाकी है
जिस घर को सजाया था हांथो से अपने
उस घर का बिखरा हुआ सामान बाकी है
माना की ज़ख्म भर गया जो तूने दिया था
लेकिन अभी उस ज़ख्म का निशान बाकी है
दुनियाँ मे हर शय से पाया है सिर्फ धोका
अब आज़माने को बस ऐक भगवान बाकी है
इस इश्क का होना अभी अंजाम बाकी है
आँधियों में बह गऐ हैं तिनके - तिनके
खुद के बिखरने का बस अरमान बाकी है
जिस घर को सजाया था हांथो से अपने
उस घर का बिखरा हुआ सामान बाकी है
माना की ज़ख्म भर गया जो तूने दिया था
लेकिन अभी उस ज़ख्म का निशान बाकी है
दुनियाँ मे हर शय से पाया है सिर्फ धोका
अब आज़माने को बस ऐक भगवान बाकी है
उम्दा
जवाब देंहटाएंAnju ji shukriya, thanks ankur.
जवाब देंहटाएंVery nice. Awesome
जवाब देंहटाएंjakhm bhar jate hain lekin nishan kabhi nahi mitTe jo hamesha un jakhmo ki yaad dilate hain.
जवाब देंहटाएंsunder abhivyakti.
खूबसूरत गज़ल ...
जवाब देंहटाएंबाँकी शब्द के स्थान पर बाकी कर लें ...
दिल में अभी दर्द का तूफ़ान बाँकी है
जवाब देंहटाएंइस इश्क का होना अभी अंजाम बाँकी है... सुन्दर ग़ज़ल....
Anamika ji, sangeeta ji, sushma ji aap sabhi ka bahut bahut shukriya.
जवाब देंहटाएंदुनियाँ मे हर शय से पाया है सिर्फ धोका
जवाब देंहटाएंअब आज़माने को बस ऐक भगवान बाकी है
खूबसूरत लाइनें सही लिखा है आपने...संतोष जी !
कुछ व्यक्तिगत कारणों से पिछले 20 दिनों से ब्लॉग से दूर था
जवाब देंहटाएंदेरी से पहुच पाया हूँ
Sanjay ji baahut baahut shukriya pasand karne ke liye.
जवाब देंहटाएंChandra bhushan ji meri is rachna ko charcha manch par shamil karne ke liye bahut bahut shukriya.
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर...
जवाब देंहटाएंआपको दीप पर्व की सपरिवार सादर शुभकामनाएं
वाह ...बहुत बढिया ..दीपोत्सव की शुभकामनाओं के साथ बधाई ।
जवाब देंहटाएंSanjay Mishra 'Habib' ji aur sada ji pasand karne ke liye bahut bahut shukriya.
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर पंक्तियों का संगम!
जवाब देंहटाएंदीवाली की हार्दिक शुभकामनायें!
अँधेरे में प्रकाश फैले|
chandankrpgcil.blogspot.com
dilkejajbat.blogspot.com
ekhidhun.blogspot.com
पर कभी आइयेगा| मार्गदर्शन की अपेक्षा है|
Shukriya chandan ji pasand karne ke liye.
जवाब देंहटाएंwah Santosh ji..aapki har pankti dil bag bag kr gayi...kabhi mere yahan bhi aaiye...aapke margdarshan ki apeksha hai...
जवाब देंहटाएंPasand karne ke liye bahut bahut dhanyawaad Sonit Bopche ji.
जवाब देंहटाएंबहुत खूब।
जवाब देंहटाएं..एक सलाह..भगवान को मत आजमाना। हो सके तो सिर्फ विश्वास करना।
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जवाब देंहटाएंअब आज़माने को बस ऐक भगवान बाकी है..
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना.
दीपावली की ढेरों शुभकामनायें.
www.belovedlife-santosh.blogspot.com
Devendra pandey ji aur santosh ji mere blog par aapka abhinandan hai . Meri is rachna ko pasand karne ke liye aabhaar.
जवाब देंहटाएंमाना की ज़ख्म भर गया जो तूने दिया था
जवाब देंहटाएंलेकिन अभी उस ज़ख्म का निशान बाकी है
यही तो है इस दर्द का दस्तूर, जख्म भर भी जाए पर निशान जाता ही नहीं।
माना की ज़ख्म भर गया जो तूने दिया था
जवाब देंहटाएंलेकिन अभी उस ज़ख्म का निशान बाकी है
दुनियाँ मे हर शय से पाया है सिर्फ धोका
अब आज़माने को बस ऐक भगवान बाकी है
amazzing....