ख़ामोशी की भी एक ज़ुबां होती है
आँखों में भी अनकही दास्ताँ होती हैबिना लफ़्ज़ों के सुने कोई दिल की ज़ुबां
मगर जिंदगी कब हर वक़्त मेहरबाँ होती है
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यादों से आज मेरी मुलाक़ात हो गईजो बात तेरी निकली तो रात हो गई
तुझसे जुदाई वाले जो पल मुझे मिले
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यादों से आज मेरी मुलाक़ात हो गई
तुझसे जुदाई वाले जो पल मुझे मिले
आसमां भी रो पड़ा और बरसात हो गई