ख़ामोशी की भी एक ज़ुबां होती है
आँखों में भी अनकही दास्ताँ होती हैबिना लफ़्ज़ों के सुने कोई दिल की ज़ुबां
मगर जिंदगी कब हर वक़्त मेहरबाँ होती है
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यादों से आज मेरी मुलाक़ात हो गईजो बात तेरी निकली तो रात हो गई
तुझसे जुदाई वाले जो पल मुझे मिले
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यादों से आज मेरी मुलाक़ात हो गई
तुझसे जुदाई वाले जो पल मुझे मिले
आसमां भी रो पड़ा और बरसात हो गई
बहुत बहुत शुक्रिया वंदना जी !
जवाब देंहटाएंहार्दिक अभिनंदन !
Dono rachanayen behad sundar!
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत शुक्रिया kshama जी
जवाब देंहटाएंकितने गहरे भाव छुपा रखे है आपने बस कुछ पंक्तियों में...बहुत सुंदर...धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंऐसी भी बरसातें हुआ करती हैं ...
जवाब देंहटाएंसुन्दर !
दोनों रुबाइयां बहुत अच्छी ...
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत पंक्तियाँ.... वाह..
जवाब देंहटाएंयादों से आज मेरी मुलाक़ात हो गई
जवाब देंहटाएंजो बात तेरी निकली तो रात हो गई ...
क्या बात है .. उनके ख्याल आए तो आते चले गये ....
सच है उनकी यादें ऐसी ही होती हैं ...
atyant bhawpoorn.....
जवाब देंहटाएंप्रिय बंधुवर संतोष कुमार जी
जवाब देंहटाएंसादर अभिवादन !
यादों से आज मेरी मुलाक़ात हो गई
जो बात तेरी निकली तो रात हो गई
तुझसे जुदाई वाले जो पल मुझे मिले
आसमां भी रो पड़ा और बरसात हो गई
क्या बात है जनाब ! बहुत ख़ूब कहते हैं आप !
हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !
- राजेन्द्र स्वर्णकार
संजय जी, राजेंद्र जी बहुत बहुत शुक्रिया !!
जवाब देंहटाएंतुझसे जुदाई वाले जो पल मुझे मिले
जवाब देंहटाएंआसमां भी रो पड़ा और बरसात हो गई
क्या बात है. बहुत ख़ूब.