"मचान" ख्वाबो और खयालों का ठौर ठिकाना....!
तनहाइयों से दोस्ती हो गईमहफिलों का सितम है आज कलबहुत खूब ..सुन्दर
बहुत बहुत शुक्रिया संगीता जी...आभार !!
अच्छी नज्म है --बहुत खूब सुरती से पिरोई हुई है माला की तरह --तू नहीं है जिंदगी में मेरीसिर्फ तेरा भरम है आज कलभूलने को शराब है लेकिनमुझे तेरी कसम है आज कल
धन्यवाद दर्शन कौर जी ....
sir apki tarah hi apki is shayari ka bhi koi jawab nahi h bohat hi achi lines h.
आपकी प्रतिक्रिया बहुमूल्य है !
तनहाइयों से दोस्ती हो गई
जवाब देंहटाएंमहफिलों का सितम है आज कल
बहुत खूब ..सुन्दर
बहुत बहुत शुक्रिया संगीता जी...
जवाब देंहटाएंआभार !!
अच्छी नज्म है --बहुत खूब सुरती से पिरोई हुई है माला की तरह --
जवाब देंहटाएंतू नहीं है जिंदगी में मेरी
सिर्फ तेरा भरम है आज कल
भूलने को शराब है लेकिन
मुझे तेरी कसम है आज कल
धन्यवाद दर्शन कौर जी ....
जवाब देंहटाएंsir apki tarah hi apki is shayari ka bhi koi jawab nahi h bohat hi achi lines h.
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