"मचान" ख्वाबो और खयालों का ठौर ठिकाना..................© सर्वाधिकार सुरक्षित 2010-2013....कुमार संतोष

गुरुवार, 20 अक्तूबर 2011

दिल में अभी दर्द का तूफ़ान बाकी है

दिल  में  अभी  दर्द  का  तूफ़ान  बाकी  है
इस  इश्क का होना अभी अंजाम बाकी है

आँधियों  में  बह  गऐ  हैं  तिनके - तिनके
खुद के बिखरने का बस अरमान बाकी  है

जिस  घर  को  सजाया  था हांथो  से  अपने
उस घर  का  बिखरा  हुआ सामान बाकी है

माना की ज़ख्म भर  गया  जो तूने दिया था
लेकिन अभी उस ज़ख्म का निशान बाकी है

दुनियाँ  मे  हर  शय  से  पाया है सिर्फ धोका
अब आज़माने को बस ऐक भगवान बाकी है

24 टिप्‍पणियां:

  1. jakhm bhar jate hain lekin nishan kabhi nahi mitTe jo hamesha un jakhmo ki yaad dilate hain.

    sunder abhivyakti.

    जवाब देंहटाएं
  2. खूबसूरत गज़ल ...

    बाँकी शब्द के स्थान पर बाकी कर लें ...

    जवाब देंहटाएं
  3. दिल में अभी दर्द का तूफ़ान बाँकी है
    इस इश्क का होना अभी अंजाम बाँकी है... सुन्दर ग़ज़ल....

    जवाब देंहटाएं
  4. दुनियाँ मे हर शय से पाया है सिर्फ धोका
    अब आज़माने को बस ऐक भगवान बाकी है
    खूबसूरत लाइनें सही लिखा है आपने...संतोष जी !

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  5. कुछ व्यक्तिगत कारणों से पिछले 20 दिनों से ब्लॉग से दूर था
    देरी से पहुच पाया हूँ

    जवाब देंहटाएं
  6. Chandra bhushan ji meri is rachna ko charcha manch par shamil karne ke liye bahut bahut shukriya.

    जवाब देंहटाएं
  7. बहुत सुन्दर...
    आपको दीप पर्व की सपरिवार सादर शुभकामनाएं

    जवाब देंहटाएं
  8. वाह ...बहुत बढिया ..दीपोत्‍सव की शुभकामनाओं के साथ बधाई ।

    जवाब देंहटाएं
  9. बहुत ही सुन्दर पंक्तियों का संगम!

    दीवाली की हार्दिक शुभकामनायें!
    अँधेरे में प्रकाश फैले|
    chandankrpgcil.blogspot.com
    dilkejajbat.blogspot.com
    ekhidhun.blogspot.com
    पर कभी आइयेगा| मार्गदर्शन की अपेक्षा है|

    जवाब देंहटाएं
  10. wah Santosh ji..aapki har pankti dil bag bag kr gayi...kabhi mere yahan bhi aaiye...aapke margdarshan ki apeksha hai...

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  11. बहुत खूब।
    ..एक सलाह..भगवान को मत आजमाना। हो सके तो सिर्फ विश्वास करना।

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  12. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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  13. अब आज़माने को बस ऐक भगवान बाकी है..
    सुन्दर रचना.

    दीपावली की ढेरों शुभकामनायें.
    www.belovedlife-santosh.blogspot.com

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  14. Devendra pandey ji aur santosh ji mere blog par aapka abhinandan hai . Meri is rachna ko pasand karne ke liye aabhaar.

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  15. माना की ज़ख्म भर गया जो तूने दिया था
    लेकिन अभी उस ज़ख्म का निशान बाकी है
    यही तो है इस दर्द का दस्तूर, जख्म भर भी जाए पर निशान जाता ही नहीं।

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  16. माना की ज़ख्म भर गया जो तूने दिया था
    लेकिन अभी उस ज़ख्म का निशान बाकी है

    दुनियाँ मे हर शय से पाया है सिर्फ धोका
    अब आज़माने को बस ऐक भगवान बाकी है

    amazzing....

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आपकी प्रतिक्रिया बहुमूल्य है !

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