"मचान" ख्वाबो और खयालों का ठौर ठिकाना....!
Are wah! Kya baat hai!
शुक्रिया क्षमा जी..
बेहतरीन!!
Shukriya samir sir.
.मिल गऐ हो तुम तो मुझे मेरे करम से,वर्ना कहां मैं ज़िन्दगी तुझको तलाशता..!!" क्या बात है संतोष जी ! बहुत ख़ूब !
शुक्रिया राजेंद्र स्वर्णकार जी ...
आपकी प्रतिक्रिया बहुमूल्य है !
Are wah! Kya baat hai!
जवाब देंहटाएंशुक्रिया क्षमा जी..
जवाब देंहटाएंबेहतरीन!!
जवाब देंहटाएंShukriya samir sir.
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जवाब देंहटाएंमिल गऐ हो तुम तो मुझे मेरे करम से,
वर्ना कहां मैं ज़िन्दगी तुझको तलाशता..!!"
क्या बात है संतोष जी !
बहुत ख़ूब !
शुक्रिया राजेंद्र स्वर्णकार जी ...
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