"मचान" ख्वाबो और खयालों का ठौर ठिकाना..................© सर्वाधिकार सुरक्षित 2010-2013....कुमार संतोष

गुरुवार, 29 जुलाई 2010

उदासी



एक कोने में बैठा सिसकता अचेतन सा पडा
गाल पर आंसू की बूंदे
अभी सूखी भी नही
आँखो में स्तब्धता
चेहरे पर उदासी
बिखरे बाल, और मन में कुछ सवाल
अपलक टकटकी लगाये
शुन्य निहारता निरन्तर।।

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