कुछ अनसुलझे, अनमने से ख़याल यूँ ही ज़हन में बरस जाते हैं...और दस्तक दे जाते हैं उन सोई हुई, डरी सी, सहमी हुई यादों को जिन्हें फिर से जीना एक युग गुजर जाने के समान है !
आज भी मैं उन पगडंडियों पर से रोज़ गुजरता हूँ, जहाँ बरसो पहले तुम्हारे पांव में कांटा चुभा था !
अब वो कांटा मेरे पांव में रोज़ चुभता है..... ये चुभन ही मेरे दर्द को सकूं पहुचाते हैं.......!
जिंदगी तुझसे तो कुछ गिला नहीं,
जिसे दिल से चाहा बस वो मिला नहीं,
यूँ तो हज़ारो लोग जिंदगी में मिले,
बह्हुत ही मुश्किल है ऐसी यादों से निजात पाना।
जवाब देंहटाएंबहुत भावपूर्ण कविता है !
जवाब देंहटाएंआपने विरह के क्षणों का दर्द हँसते-हँसते कह डाला है... बधाई...
जवाब देंहटाएंवाह! बेहद ख़ूबसूरत और भावपूर्ण कविता लिखा है आपने जो प्रशंग्सनीय है! बधाई!
जवाब देंहटाएंमर्म को छुते एहसास
जवाब देंहटाएंयूँ तो हज़ारो लोग जिंदगी में मिले,
जवाब देंहटाएंकोई दिल से न मिला, किसी से दिल मिला नहीं !
kya khub likha hai.wah.
ek tees jo uthti hai bar bar,par dil kah saka ek bar
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर शेर बधाई
जवाब देंहटाएंसुंदर चित्रों के साथ भावपूर्ण बेहतरीन रचना,उम्दा शेर,....
जवाब देंहटाएं"काव्यान्जलि"--नई पोस्ट--"बेटी और पेड़"--
आपकी प्रस्तुति अच्छी लगी । मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है । धन्यवाद ।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर पंक्तियां।
जवाब देंहटाएंभावपूर्ण बेहतरीन रचना
जवाब देंहटाएंpahli char panktiyan sab kuchh kah jati hain...
जवाब देंहटाएंबहुत भावपूर्ण कविता है
जवाब देंहटाएंबहुत ही गहरे एहसास के साथ सुंदर प्रस्तुति.
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर भावों का प्रस्फुटन देखने को मिला है । मेरे नए पोस्ट उपेंद्र नाथ अश्क पर आपकी सादर उपस्थिति की जरूरत है । धन्यवाद ।
जवाब देंहटाएंKhayalo ko harafo accha sahara diya hai,
जवाब देंहटाएंbahut khoob
भावपूर्ण कविता |
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर शेर हैं खासकर पहला वाला|
जवाब देंहटाएंभावपूर्ण रचना .. सुन्दर अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंवाह ...बहुत ही गहरे उतरते शब्द ... बेहतरीन प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंसादर बधाई...
भावपूर्ण प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंGyan Darpan
..
सुन्दर अभिव्यक्ति .
जवाब देंहटाएंv7: स्वप्न से अनुराग कैसा........
वक्त बेवक्त तुम मुझे.....बहुत अच्छी लगी
जवाब देंहटाएंसुने दिल में कलियाँ खिली तो सबकुछ खिला ..
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंखुश्क पत्तों का मुकद्दर ले कर ...बहुत अच्छी लगी
जवाब देंहटाएंआप सभी का बहुत बहुत आभार पसंद करने के लिए !
जवाब देंहटाएंbahut umda shayeri.bahut achcha likhe ho.shubhkamnayen.
जवाब देंहटाएंवाह आपके मचान पर कुदक कर आज हमको बहुत प्रसन्नता हुई । अनुसरक बने जा रहे हैं ताकि मचान पर मौजूदगी बने रहे हमारी भी । बहुत बहुत शुभकामनाएं आपको जीवन और अंतर्जालीय यात्रा के लिए भी
जवाब देंहटाएंजिंदगी तुझसे तो कुछ गिला नहीं,
जवाब देंहटाएंजिसे दिल से चाहा बस वो मिला नहीं,
यूँ तो हज़ारो लोग जिंदगी में मिले,
कोई दिल से न मिला, किसी से दिल मिला नहीं !
सच है ... हर किसी से दिल नहीं मिल पाता है और जिससे दिल मिलता है वो भी आसानी से कहाँ मिलता है ... सुन्दर रचना है ...
बहुत ख़ूबसूरत लिखा है आपने !
जवाब देंहटाएंपहली बार पढ़ रहा हूँ आपको !
मेरे पोस्ट पे आपका हार्दिक स्वागत !
like it;;
जवाब देंहटाएंbahut sundar rachna...:)
जवाब देंहटाएंwelcome to मिश्री की डली ज़िंदगी हो चली