शुक्रवार, 8 अक्टूबर 2010
वर दे वर दे हे माँ दुर्गे
वर दे, वर दे, हे माँ दुर्गे
पाठक से मेरा ब्लॉग तू भर दे
ब्लोगिंग लगे रीत अब न्यारी
रिश्तों की भी जिम्मेवारी
रूठी पत्नी प्रिय अति प्यारी
उसे मनाने का अवसर दे
वर दे, वर दे, हे माँ दुर्गे
जो लिखूं वो हिट हो जाये
लिखूं मलता फिट हो जाये
टिप्पणी अनलिमिट हो जाये
ब्लोगिंग का ऐसा तू हुनर दे
वर दे, वर दे, हे माँ दुर्गे
रस, अलंकार, छंद, उपमाएँ
लिखे चुटकुलों पर कवितायेँ
बेनामी भी सर को झुकाएँ
हो जाये कुछ मंतर कर दे
वर दे, वर दे, हे माँ दुर्गे
ब्लोगिंग का चर्चा है यार में
नाम हो गया कारोबार में
घूमू बनकर सेठ कार में
ऐसी लाटरी मेरे घर दे
वर दे, वर दे, हे माँ दुर्गे
आप सभी को नवरात्रि के पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं !
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apko bhi navratri ki hardik shubhkamnaye...
जवाब देंहटाएंनवरात्रि की शुभकामनायें ...
जवाब देंहटाएंघर बैठे देवी वर नहीं देतीं :)
Kyaa sab kuchh aap hi lenge ya hm jaise logon ke liye bhi chhodene. waise aap to hunarmand hai fir back door se aane ki vinti kyon? Apne hunar pr vishwaas rakho aur ek din poore blog pr chhaa jaao dear.
जवाब देंहटाएंबेहतरीन प्रस्तुति के लिए आभार...नवरात्री की शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंनीरज
@ सरिता जी, माँ दुर्गा को मानाने के हर प्रथक प्रयास कर लिए मगर न जाने माँ की क्रपा कब होगी !
जवाब देंहटाएं@ डॉ जे पी तिवारी जी आप सभी की शुभकामनाएँ एवं स्नेह रहा तो ऐसा भी होगा !
@नीरज जी आपका बहुत बहुत धन्यवाद !
आप सभी को नवरात्रि की हार्दिक शुबकामनाएं !
रस, अलंकार, छंद, उपमाएँ
जवाब देंहटाएंलिखे चुटकुलों पर कवितायेँ
बेनामी भी सर को झुकाएँ
हो जाये कुछ मंतर कर दे
दुआ है आपको मां दुर्गा ऐसा वर mil jaye .....!!
हा.हा.हा.कुछ और बचा है मांगने को ?
जवाब देंहटाएं:):):)
बहुत अच्छी कविता है।
जवाब देंहटाएंपढकर बहुत अच्छा लगा
आपको आपके परिवार सहित और आपके ब्लॉग के पाठको को हमारी तरफ से नवरात्र पक्ष की हार्दिक शुभकामनाए
हरकीरत जी बहुत बहुत धन्यवाद !
जवाब देंहटाएंअनामिका जी इच्छाएँ कभी समाप्त नहीं होती !
सुरेंदर जी धन्यवाद आपका भी !