आँखे........
"सनम"
आपकी आँखे
बहुत खूबसूरत हैं
हमसे बहुत कुछ कह देती हैं
इनका ख्याल रखना
क्योंकि
कोई है
जो इन्हें देखकर
अपनी जिंदगी जीता है !
खवाब..........
तुम मिले
तो खवाबो से
दोस्ती हो गई
जब तुम सामने थी
तो ख्वाब
आँखों के सामने था
अब नहीं हो तो
ख्वाब आँखों के भीतर हैं !
यादें.......
कब सोंचा था
की ख्वाब यादों में
सील से जायेंगे
तुम्हे हो न हो
मुझे
अब भी याद है
तुम्हारे ख्वाब
शब्दों की रेशमी शाल ओढ़े
वो छोटा सा घर हो
जगह मुख़्तसर हो
ज़रा भी हम घूमे
बस टकरा से जाएँ !
वाह खाबों पर सुंदर शब्दों का प्रयोग.
जवाब देंहटाएंअच्छी क्षणिकाएं.
वाह ! गज़ब का अन्दाज़ है…………सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंआपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
प्रस्तुति कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
कल (22/10/2010) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट
देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
अवगत कराइयेगा।
http://charchamanch.blogspot.com
बहुत शुक्रिया अनामिका जी !
जवाब देंहटाएंवंदना जी बहुत बहुत धन्यवाद, आगे और भी अच्छा लिखूं आप सब से हौसला मिलता है !
bahut khoobsurati se likhi hain saari rachnayen ..teeno hi bahut pasand aayin
जवाब देंहटाएंवो छोटा सा घर हो
जवाब देंहटाएंजगह मुख़्तसर हो
ज़रा भी हम घूमे
बस टकरा से जाएँ !
Kitni bholi masoom tamannna!
संगीता जी, शमा जी बहुत बहुत शुक्रिया !
जवाब देंहटाएंbahut sundar abhivyakti badhai
जवाब देंहटाएंवाह...भावपूर्ण अभिव्यक्ति !!!
जवाब देंहटाएंचंद पंक्तियों में आपने बहुत कुछ कह डाला .............अति सुन्दर
जवाब देंहटाएंखूबसूरत अहसासों को पिरोती हुई एक सुंदर रचना. आभार.
जवाब देंहटाएंसादर
डोरोथी.
सुनील जी, रंजना जी, आना जी, डोरोथी जी आप सब का बहुत बहुत धन्यवाद मेरी इस रचना को सराहने के लिए !
जवाब देंहटाएंवो छोटा सा घर हो
जवाब देंहटाएंजगह मुख़्तसर हो
ज़रा भी हम घूमे
बस टकरा से जाएँ !
bahut khoobsurat nazmen ! Aanand aaya !
sundar,अति सुन्दर...
जवाब देंहटाएंbahut bahut sundar...!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रचनायें आभार।
जवाब देंहटाएंरवि शंकर जी, दर्शयाम जी, पारुल जी, एवं एन के पाण्डेय जी, आप सबका बहुत बहुत धन्यवाद !
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