वक्त बेवक्त तुम मुझे यूँ आज़माया न करो,
आते हो तो रुक भी जाओ लौट के जाया न करो।
अब ये लम्हे बिन तुम्हारे काटे नहीं कटते कहीं,
अपने होने कि निशानी इन लम्हो को दे जाया करो।
बस तुम्हे मांगा ख़ुदा से सज़दा जब हमने किया,
हमको भी तुम मांग लो सज़दे मे जब सर झुकाया करो।
तुम न आओ दर पे मेरे शिकवा नहीं हमको मगर,
अपनी महफिल में कभी तुम हमको बुलवाया करो।
वक्त बे-वक्त तुम मुझे यूँ आज़माया न करो,
आते हो तो रुक भी जाओ लौट के जाया न करो।
आते हो तो रुक भी जाओ लौट के जाया न करो।
अब ये लम्हे बिन तुम्हारे काटे नहीं कटते कहीं,
अपने होने कि निशानी इन लम्हो को दे जाया करो।
बस तुम्हे मांगा ख़ुदा से सज़दा जब हमने किया,
हमको भी तुम मांग लो सज़दे मे जब सर झुकाया करो।
तुम न आओ दर पे मेरे शिकवा नहीं हमको मगर,
अपनी महफिल में कभी तुम हमको बुलवाया करो।
वक्त बे-वक्त तुम मुझे यूँ आज़माया न करो,
आते हो तो रुक भी जाओ लौट के जाया न करो।
बहुत अच्छी लगी
जवाब देंहटाएंShukriya bahut bahut shukriya.
जवाब देंहटाएं