"मचान" ख्वाबो और खयालों का ठौर ठिकाना..................© सर्वाधिकार सुरक्षित 2010-2013....कुमार संतोष

सोमवार, 30 अगस्त 2010

आज जब भी मैं तन्हा होता हूँ

आज जब भी मैं तन्हा होता हूँ
पुरानी बातों को 
अक्सर याद करता हूँ
कुछ तस्वीरें सहेजी हैं
उन लम्हों की 
अब तक
कुछ ख़त हैं 
मुड़े-मुड़े से 
एक सुखा सा फूल 
जिसमें उस वक़्त की महक अब भी है
कुछ तोहफे, कुछ यादें 
कुछ खिलौने, कुछ किताबें
कुछ आंसू, कुछ सदमें
कुछ मौसम, कुछ रातें
कितना मुस्किल है
इन्हें भुला पाना 
और शायद
मैं भूलना भी नहीं चाहता
कुछ कडवाहटों की तस्वीर 
अलग फ्रेम में लगाऊँगा 
कुछ ख़ुशीयों की प्रदर्शनी सजाऊँगा 
अक्सर ऐसा ही कुछ सोंचा करता हूँ
आज जब भी मैं तन्हा होता हूँ 
पुरानी बातों को
अक्सर याद करता हूँ

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

आपकी प्रतिक्रिया बहुमूल्य है !

Related Posts with Thumbnails