"मचान" ख्वाबो और खयालों का ठौर ठिकाना..................© सर्वाधिकार सुरक्षित 2010-2013....कुमार संतोष

सोमवार, 9 अगस्त 2010

शराबी

एक शराबी, 
अपनी धुन में जा रहा था !
और मन ही मन कुछ खिचड़ी पका रहा था !
काफी रात हो चुकी थी !
सारी दुनीयाँ सो चुकी थी !
तभी अचानक पत्थर से जा टकराया, 
कुछ भुन्नाया कुछ बडबडाया ,
इतने मैं एक पुलिस वाला जाने कहाँ से चला आया !
बोला तुम लडखडा रहे हो, 
और कुछ बडबडा रहे हो, 
इतनी रात में शराब पीके उधम मचा रहे हो !
खुद का गली का गुंडा समझते हो !
दिखता है हाथ में क्या है,
पुलिस का डंडा है !
पुलिस खुद अपने आप में एक गुंडा है !
सभी गुंडे हमसे डरते हैं !
क्या आप इतनी रात मैं इस सड़क पर घूमने की कोई वजह बता सकते हैं !
शराबी ने हाथ जोड़ा,
बोला भाई साहब रहम खाइए थोडा, 
अगर मुझे वजह मालूम होता ,
तो २ घंटे पहले अपनी बीवी के पास न चला गया होता !

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