"मचान" ख्वाबो और खयालों का ठौर ठिकाना..................© सर्वाधिकार सुरक्षित 2010-2013....कुमार संतोष

मंगलवार, 31 अगस्त 2010

आरती गूगल जी की

मेरे परम प्रिय मित्र है कुलभूषण त्रिपाठी ! इनके इन्टरनेट के ज्ञान को बढ़ाने में सबसे जयादा योगदान गूगल का रहा है ! जब भी कंप्यूटर को हाँथ लगते हैं ॐ गूगलाय नमह कहते हैं ! इनकी गूगल जी के प्रति इतनी श्रधा भक्ति देख कर तो ये आरती करने का मन जरूर करता है !
जय गूगल देवा 
स्वामी जय गूगल देवा
सीर्चिंग करवाकर तुम 
करत जगत सेवा
ॐ जय गूगल देवा
ज्ञानहीन दुःख हरता 
तुम अन्तर्यामी
स्वामी तुम अन्तर्यामी
सीर्चिंग करने में तुम 
सीर्चिंग करने में तुम
हो सबके स्वामी
ॐ जय गूगल देवा
जो ढूंढें मिल जावे 
कलेश मिटे मन का 
स्वामी कलेश मिटे मन का 
दोष अज्ञान मिटावे 
दोष अज्ञान मिटावे
सकलत जन जन का 
ॐ जय गूगल देवा 
तुम हो ज्ञान के सागर 
तुम ब्लोगर कर्र्ता 
स्वानी तुम ब्लोगर कर्र्ता 
मैं ब्लोगर अज्ञानी 
मैं कमेंट्स संग्रामी 
क्रपा करो भरता 
ॐ जय गूगल देवा 
जीमेल लिमिट बढाओ 
करो प्रीमियम रहित सेवा 
स्वामी प्रीमियम रहित सेवा
ब्लॉग स्पोट ऑरकुट का 
ब्लॉग स्पोट ऑरकुट का 
चखते सब मेवा
ॐ जय गूगल देवा
गूगल जी की आरती 
जो कोई नित गावे 
बंधू जो कोई नित गावे 
जो ढूंढें सब मन से 
आई ऍम फिलिंग लक्की बटन से 
फर्स्ट पेज पर मिल जावे
ॐ जय गूगल देवा 

2 टिप्‍पणियां:

  1. कमाल है ऐसा प्यारा गीत किसी ब्लॉगर की अब तक प्रतिक्रिया नहीं पा सका !

    चलती रहे आपकी लेखनी निरंतर … शुभकामनएं !

    जवाब देंहटाएं
  2. राजेन्द्र जी बहुत बहुत धन्यवाद !!

    जवाब देंहटाएं

आपकी प्रतिक्रिया बहुमूल्य है !

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