लाली लगा होंटों पे, करके सुनहरे बाल
सफ़ेद साड़ी पहिनकर, बिंदी लगाईं लाल
बिंदी लगाईं लाल, पिया ज़रा देखो हमको
इस गेटप को पहनकर कैसी लगती तुमको
हम बोले श्री मति जी तुम लग रही हो ऐसे
एम्बुलेंस चला आ रहा हास्पिटल का जैसे
प्यार व्यार सब छोड़ कर, करो कविता पाठ
कविता से गुण बढ़त हैं, खड़ी प्यार की खाट
खड़ी प्यार की खाट सुन लो मिस्टर भल्ला
पकडे गए तो हो जाओ बदनाम मोहल्ला
कविता की मस्ती में सबकुछ पा जाओगे
खा कर प्यार में धोका एक दिन पछताओगे
बहुत बढ़िया लिखा है..मजा आ गया पढ़कर
जवाब देंहटाएंhttp://veenakesur.blogspot.com/
अच्छी पंक्तिया ........
जवाब देंहटाएंअच्छी कविता ........
मेरे ब्लॉग कि संभवतया अंतिम पोस्ट, अपनी राय जरुर दे :-
http://thodamuskurakardekho.blogspot.com/2010/09/blog-post_15.html
कृपया विजेट पोल में अपनी राय अवश्य दे ...
@ वीणा जी बहुत बहुत धन्यवाद आपकी बहुमूल्य प्रतिक्रिया का !
जवाब देंहटाएं@ गजेन्द्र जी आपके ब्लॉग पर मैंने पहले ही अपनी राय दे दी थी ! आपका मेरे ब्लॉग पर आने का बहुत बहुत धन्वाद !
बहुत खूब.....!!
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